December 24, 2024
IMG-20240814-WA0079
Spread the love

*देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को नमन करते हुए विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब हम आजादी का जश्न मना रहे थे वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह घटना किसी विभीषिका से कम नहीं थी। वर्ष 2021 में इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को ’’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन मनाया जा रहा है, जिससे हम अपने उन लाखों सेनानियों व परिवारजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान को याद कर सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन उन सभी सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत माँ के लिए बलिदान दिया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोग प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में सहयोगी बने हैं। देश विभाजन के समय हुई दर्दनाक हिंसक घटनाओं ने मानवता को ही शर्मसार नहीं किया बल्कि हिंसा का वह अमानवीय तांडव कभी न भरने वाला घाव दे गया, जिसकी टीस आज भी हमें महसूस होती है। यह दिवस हमारी भावी पीढ़ी को इतिहास की उस विभीषिका से परिचित कराता रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा पिछले वर्ष रूद्रपुर में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर उन्होने विभाजन का दंश झेलने वालों की स्मृति भी विभाजन विभीषिका स्मृति स्मारक बनाये जाने की घोषणा की थी जिस पर कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने विभाजन की विभीषिका को इतिहास का काला अध्याय तथा दुनिया का सबसे बडा विभाजन बताते हुऐ कहा कि लाखों लोगों ने अपनी जान गवाकर विभाजन के साथ विस्थापना का दर्द झेला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947, 1971 के बाद आज फिर बांगलादेश की घटना लोगों के लिये पलायन के लिये मजबूर कर रही है। आज हम सबको बांगलादेश के हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की चिन्ता करनी है। किन्तु देश में छोटी छोटी घटनाओं पर विरोध करने तथा मानवाधिकार का रोना रोने वाले न जाने कहां खो गये हैं, वे सीन से ही गायब हो गये हैं। यह अवसर सजग और सतर्क रहने के साथ ऐसे ढोंगियों से सतर्क रहने का भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन का पीड़ा झेलने वालों ने अपनी प्रबल इच्छा शक्ति तथा कौशल के बल पर देश व प्रदेश के विकास में अहम योगदान दिया है। उनका यह योगदान अविस्मरणीय है। उन्होने दिखाया है कि प्रबल इच्छा शक्ति के बल पर क्या कुछ नहीं किया जा सकता है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभाजन विभीषिका से संबंधित फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

कार्यक्रम में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ देवेन्द्र भसीन, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति श्री विश्रवास डाबर, भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, उद्यमी राकेश ओबेराय तथा अपने बचपन में विभाजन की विभीषिका का सामना करने वाले डॉ कुलदीप दत्त, तथा किशन लाल बिज ने भी अपने विचार रखे।

इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, श्री उमेश शर्मा काऊ, श्रीमती सविता कपूर, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल, श्री अनिल गोयल, श्री संतोश नागपाल, श्री डी.एस.मान, श्री नीरज कोहली सहित बडी संख्या में विभिन्न संस्थाओं से जुडे लोग तथा समाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *