



काशीपुर– मास्टर इंटरनेशनल स्कूल में एक विशेष स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर में सुप्रसिद्ध सहोता हॉस्पिटल की टीम और डॉक्टर ऋचा त्रिवेदी ने किया स्वास्थ्य शिविर प्रशिक्षण। इस शिविर का उद्देश्य विद्यालय के छात्रों को स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाना और उन्हें जीवनशैली संबंधी आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने अपने अनुभव व ज्ञान से बच्चों को लाभान्वित किया।प्रशिक्षण शिविर विद्यालय के प्रांगण में बड़े उत्साह के साथ प्रारंभ हुआ। सहोता हॉस्पिटल की विशेषज्ञ टीम ने विद्यालय पहुंचकर छात्रों के साथ संवाद स्थापित किया और विभिन्न स्वास्थ्य विषयों पर जानकारी साझा की। डॉक्टर रवि सहोता ने व्यक्तिगत रूप से कार्यशाला का संचालन किया और बच्चों से संवाद करते हुए उन्हें स्वास्थ्य के महत्व को सरल भाषा में समझाया।
कार्यशाला की शुरुआत 6 स्टेप हैंड वॉश प्रक्रिया से की गई। डॉक्टर रवि सहोता ने बताया कि हाथ धोना केवल स्वच्छता का नहीं, बल्कि बीमारियों से बचाव का सबसे बड़ा माध्यम है। उन्होंने हर स्टेप को बच्चों के सामने स्वयं करके प्रदर्शित किया, जिससे बच्चों को व्यावहारिक जानकारी मिली। छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ हैंड वॉश प्रक्रिया को अपनाया।बच्चों को आत्मप्रेरणा से जुड़ी बातों पर मार्गदर्शन देते हुए डॉक्टर रवि सहोता ने बताया कि जीवन में छोटी-छोटी प्रेरणाएँ भी बड़े बदलाव ला सकती हैं। “फ़ॉरगोट इंस्पिरेशन” के अंतर्गत उन्होंने उन आदतों की चर्चा की जिन्हें हम अनदेखा कर देते हैं, परंतु वे हमारी सेहत पर दीर्घकालीन प्रभाव डालती हैं।इसी के साथ डॉक्टर रवि सहोता ने बच्चों को उनके जीवन में रोल मॉडल की आवश्यकता और प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने समझाया कि किस प्रकार सही रोल मॉडल को फॉलो करके बच्चा एक सकारात्मक दिशा में अग्रसर हो सकता है।
डॉक्टर रवि सहोता ने विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों जैसे लिवर डैमेज, एनीमिया, डायबिटीज़ और स्किन टैग्स (acanthosis nigricans) के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये समस्याएं आज की बदलती जीवनशैली का परिणाम हैं, और समय रहते इनके लक्षणों को पहचानना अत्यंत आवश्यक है।
विशेष रूप से “स्कीन टैग्स” यानी त्वचा पर काले निशानों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह अक्सर शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस का संकेत होता है और इससे आगे चलकर डायबिटीज़ हो सकती है। बच्चों को इसके लक्षणों को पहचानने और समय पर चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दी गई।इसके साथ ही उन्होंने ‘हेडॉमिक फिल्लिंग’ की अवधारणा से बच्चों को परिचित कराया — यह मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित एक विचार है जिसमें व्यक्ति अपने भीतर की भावनाओं को समझता और उन्हें व्यक्त करना सीखता है।
कार्यशाला के दौरान सर्वाइकल कैंसर के खतरे और उससे बचाव हेतु वैक्सीन जीवन रक्षक हो सकती है और समय पर लेने से कैंसर का खतरा बहुत हद तक कम किया जा सकता है। रेविज वैक्सीन के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे जानवरों के काटने पर घर में छुपा लेते हैं, घर में माता-पिता को नहीं बताते हैं और वह आगे जाकर जानलेवा रेविज के नाम से यह बीमारी उभर कर आती है जो प्राण घातक भी हो सकती है। इसके लिए वैक्सीन इंसुलेशन लेना बहुत जरूरी है।इसी के साथ ‘अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड’ जैसे बिस्किट, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक आदि को धीमा ज़हर करार दिया और डॉक्टर रवि सहोता ने पेकिट फ़ूड और बिस्किट को विष किट का नाम दिया तथा कोल्ड ड्रिंक और सभी तरह के एनर्जी ड्रिंक को भी विष ड्रिंक बताया कहां किया हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। उन्होंने बताया कि ये उत्पाद न केवल पोषण से विहीन होते हैं, बल्कि शरीर के अंगों को लंबे समय तक नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चों ने प्रण लिया कि वे अब कभी भी जंक फूड का सेवन नहीं करेंगे और अपने परिवार में भी इस विषय पर जागरूकता फैलाएंगे।
तत्पश्चात विद्यालय की कक्षा 5 से 8 तक की छात्राओं के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसका संचालन स्त्री रोग विशेषज्ञय डॉक्टर ऋचा त्रिवेदी ने किया। डॉक्टर ऋचा त्रिवेदी ने बालिकाओं को स्त्री स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं उम्र के साथ आने वाले बदलावो व उनसे निपटने के उपायों पर जागरूक किया।
डॉक्टर रिचा ने माहवारी के समय स्वच्छता, आत्म-सम्मान और संकोच छोड़कर खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इससे जुड़ी गलतफहमियों को दूर करना आवश्यक है। बालिकाओं को सैनिटरी पैड के उपयोग, संक्रमण से बचाव और पोषण के महत्व की जानकारी दी गई।कार्यशाला के दौरान बालिकाओं को अपनी परेशानियाँ साझा करने का अवसर भी मिला। डॉक्टर ऋचा ने सहानुभूति और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें सरल, घरेलू और चिकित्सकीय उपाय सुझाए। बालिकाओं ने भी खुलकर अपनी बात रखी और सत्र के अंत में आत्मविश्वास के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संकल्प लिया।स्कूल की प्रबंधिका श्रीमती शिल्पी गर्ग एवं प्रधानाचार्य डॉक्टर गौरव गर्ग ने सोहता हॉस्पिटल की पूरी टीम को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बच्चों के जीवन में स्वास्थ्य संबंधी यह मार्गदर्शन एक सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा, “आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं, और यदि हम उन्हें आज से ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बना दें, तो एक स्वस्थ समाज की नींव रखी जा सकती है।”
विद्यालय के सभी शिक्षकगणों और छात्रों ने इस शिविर की सराहना की।
जुगनू खान
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