काशीपुर। गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र काशीपुर द्वारा संस्थान प्रांगण स्थित प्रेक्षागृह में में शरद कालीन गन्ना बुवाई की प्रदेश स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग चंद्र सिंह धर्मशक्तु द्वारा किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए आयुक्त ने बताया कि प्रत्येक कृषक को नवीनतम तकनीक के आधार पर गना की कृषि की जानी चाहिए। हमें अपनी भूमि की जांच करानी चाहिए। भूमि में 16 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। अतः जांच करने पर हमें पता चलेगा कि हमारी भूमि में कौन सी तत्व की कमी है तथा उसकी पूर्ति करने से हमारे जमीन की गुणवत्ता में वृद्धि होगी! इस गोष्ठी का उद्देश्य गना कृषकों को उन्नत प्रजाति की गना बीज की जानकारी, गन्ने की फसल में लगने वाली तरह-तरह के बीमारियों तथा उसमें प्रयोग की जाने वाली दवाईयां तथा उनको गन्ने की वैज्ञानिक विधि से कृषि कैसे करें जिससे की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता बढ़े इसकी जानकारी कृषकों को प्रदान करना है। संस्थान द्वारा वर्ष भर गोष्ठी का आयोजन किया जाता है तथा इसमें किसानों की समस्याओं का लगातार जनपद तथा जोन स्तर पर निवारण किया जाता है गना शोध परिषद के वैज्ञानिकों द्वारा उन्हें इस संबंध में वार्ता कर इस संबंध में जानकारी प्रदान की जाती है। इस गोष्ठी में प्रतिभाग करते हुए गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के वैज्ञानिक द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 15023. 0118 14201 जैसी उन्नतशील प्रजातियां है जिनको गना कृषकों को प्रोत्साहित करना चाहिए। वर्तमान में 0238 रेड रोड की चपेट में आने की संभावना है। अतः कृषकों को चाहिए कि वह इसका रिप्लेस करें। वैज्ञानिकों ने गने में आने वाली विभिन्न बीमारियों ,उसकी रोकथाम तथा उसकी दवाइयां के बारे में भी जानकारी दी। गोष्ठी में अपर गना एवं चीनी आयुक्त चंद्र सिंह इमलाल, संयुक्त गना एवं चीनी आयुक्त श्रीमती हिमानी पाठक, इफको के विपणन हेड राकेश कुमार श्रीवास्तव, प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी निलेश कुमार, संजय कुमार, तथा गन्ना विकास विभाग तथा चीनी मिल के अधिकारी तथा कर्मचारी और प्रदेश के कृषक उपस्थित रहे।
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