काशीपुर। काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के प्रतिनिधिमंडल ने जीबी पंत कृषि यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. मनोहर सिंह चौहान मुलाकात कर अवगत कराया कि काशीपुर की ख़ुशहाली के लिये काशीपुर के किसान व उद्योगों की उन्नति उनके आपसी तालमेल से होना आवश्यक है जिसके लिये केडीएफ़ चाहता है कि काशीपुर फूड प्रोसेसिंग हब के रूप से विकसित हो सके। प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से अनुरोध किया कि केडीएफ-पंत यूनिवर्सिटी व आईआईएम काशीपुर मिल कर काशीपुर के क्षेत्र के उद्योग की मांग अनुसार उत्पादों को किसानों तक नई तकनीकों के माध्यम से एक छत के नीचे समस्त सुविधा देते हुए उगाना प्रस्तावित करता है।
केडीएफ़ अध्यक्ष ने अवगत कराया कि भारत सरकार की हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स-ऑयल सीड्स (NMEO-Oilseeds) को मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य देश में तिलहन (जैसे सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, और सूरजमुखी) का उत्पादन अगले पांच साल में दोगुना बढ़ाना है। इस मिशन के तहत बीजों की गुणवत्ता में सुधार के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हुए देश के 347 जिलों में 600 वैल्यू चेन क्लस्टर्स स्थापित किए जाने है। साथ ही खेतों में तिलहन की खेती का विस्तार करने और इंटरक्रॉपिंग तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। केडीएफ चाहता है कि इस क्षेत्र की तिलहन आधारित उद्योग की उन्नति व किसानों के लाभ के लिये काशीपुर में तिलहन वैल्यू चेन क्लस्टर्स स्थापित किए जाये तथा काशीपुर में पेपर उद्योग के लिये किये जाने वाले प्लांटेशन में इंटरक्रोपिंग को प्रोत्साहित कर किसानों की आमदनी को बढ़ाने पर कार्य किया जाये।
कुलपति डॉ. चौहान ने केडीएफ के प्रस्तावों को बहुत रुचि ले कर समस्त सहयोग देते हुए शीघ्रातिशीघ्र इस पर एक बैठक/सेमिनार आईआईएम के साथ मिल कर काशीपुर में करने का आश्वासन दिया व पंतनगर के वैज्ञानिक डॉ. अजीत सिंह नैन को समन्वयक के रूप में नामित किया।
प्रतिनिधिमंडल में योगेन्द्र जिंदल, चक्रेश जैन, राजीव घई व राजेन्द्र अग्रवाल शामिल थे।
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