April 30, 2024
यूट्रीक्स फाउंडेशन

यूट्रीक्स फाउंडेशन

कुछ समय पहले तक साहित्य के जुड़े लोगों की संख्या काफी कम थी परन्तु आज के समय में साहित्य को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में कवियों के लिए नए-नए मंच बनाए जा रहे हैं। कवियों के लिए आगे बढ़ना और अपनी प्रतिभा साबित करना अब आसान होता चला जा रहा है। मशहूर कविता मंच जैसे रेख़्ता, कविताकोश, साहित्यकुंज आदि उच्च स्तर वाले लेखकों को ही मौका देते हैं। नए कवियों के लिए तैयार किया गया एक मंच जिसका नाम यूट्रीक्स फाउंडेशन(Youtreex Foundation) है। तो आइये थोड़ा विस्तार से इसके बारे जानते हैं और देखते हैं कि आने वाले समय में ये कवियों या लेखकों के कितना फायदेमंद हो सकता है।

कौन हैं इस मंच के संस्थापक

यूट्रीक्स फाउंडेशन की शुरुआत और स्थापना सन 2020 में मुहम्मद आसिफ़ अली द्वारा की गई है जो एक भारतीय कवि के रूप में भी जाने जाते हैं। आसिफ कहते हैं कि मैंने शुरुआत में जब लोगों को लिखने के लिए प्रेरित किया तो मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी थी लेकिन आज हजारों व्यक्ति प्रतिदिन यूट्रीक्स पर आते हैं और अपनी ग़ज़लों, शायरी, और कविताओं को हमारे साथ शेयर करते हैं और वे चाहते हैं कि इस मंच पर उनकी कविताएँ भी पब्लिश हों। जहाँ तक मुझे पता है अगर आप किसी भी कार्य में अपना कीमती समय लगाते हैं तो चाहे दे से सही लेकिन आप को कामयाबी जरूर मिलती है।

यूट्रीक्स फाउंडेशन का एक दृश्य
यूट्रीक्स फाउंडेशन का एक दृश्य

कौन हैं वो मशहूर भारतीय कवि

जिस कवि या लेखक ने इस मंच की शुरुआत की है उसका नाम मुहम्मद आसिफ़ है। आसिफ यूट्रीक्स फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संथापक हैं इसके साथ-साथ वह प्रिज़्मवेब टेक्नोलॉजीज़ (Prizmweb Technologies) के सह-संथापक भी हैं। इन्होंने 2020 में जब भारत देश कॉरोनकाल में लॉकडाउन से जूझ रहा था जब इस मंच जो शुरू किया था। इनके अनुसार साहित्य में रूचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए एक ऐसा स्थान जरूर होना चाहिए जहाँ पर इसकी प्रतिभा का मज़ाक न बनाया जाए और इन्हें लिखने और सीखने का भरपूर मौका प्रदान किया जाए। उत्तराखंड के काशीपुर शहर में एक गरीब किसान परिवार में जन्मे आसिफ़ खुद भी एक कवि के रूप ने जाने जाते हैं।

भविष्य को लेकर कुछ विचार

यूट्रीक्स ने आने वाले वक़्त यानी भविष्य को लेकर अपने कुछ विचार साझा किये हैं जो इसको और बेहतर बनाने में मदद करेंगें और इसका सम्पूर्ण श्रेय इससे जुड़ने वाले लेखकों, कवियों और उपन्यासकारों को जाएगा। इसमें भाषा का संशोधन किया जाएगा मतलब अभी हिंदी, उर्दू, और अंग्रेजी भाषा में ही यहाँ कविताएं साझा कर सकते हैं मगर कुछ महीनों बाद इसमें भारत की और साहित्य के सम्बंधित अन्य देशों की भाषाओं को इस मंच के साथ जोड़ा जाएगा जिसके माध्यम से लिखने और पढ़ने दोनों तरह के व्यक्तियों को यहाँ किसी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा यहाँ पर डायरेक्ट मोडरेशन और अप्प्रोवेल की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी जिससे कविता पब्लिश के लिए उपयोगकर्ता को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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