-देहरादून जिला जेल में क्षमता से ढाई गुना कैदी बंद, 70 प्रतिशत विचाराधीन
जेल प्रशासन द्वारा नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से खुलासा
काशीपुर। उत्तराखंड की राजधानी में स्थित जिला जेल देहरादून में उसकी क्षमता 580 की अपेक्षा लगभग ढाई गुना 1242 कैदी बंद है जिसमें 70 प्रतिशत 872 विचाराधीन कैदी बंद हैं। जबकि 30 प्रतिशत 370 सिद्धदोष (सजायाफ्ता) कैदी बंद हैं। कुल कैदियों में लगभग एक चौथाई 293 कैदी पाॅस्को व बलात्कार अपराधों में जेल में बंद हैं। यह खुलासा जेल प्रशासन द्वारा नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला कारागार देहरादून के लोेक सूचना अधिकारी से जेल में बंदियों सम्बन्धी विवरण की सूचना चाही थी। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/कारापाल पवन कुमार कोठारी ने अपने पत्रांक 3560 से सम्बन्धित विवरण उपलब्ध कराया। उपलब्ध सूचना के अनुसार जिला जेल देहरादून की क्षमता 580 कैदियों की है जबकि जून 2024 के अंत में इसमें कुल 1242 कैदी बंद थे इसमें 70 प्रतिशत 872 विचाराधीन तथा 30 प्रतिशत 370 सिद्धदोष (सजायाफ्ता) कैदी बंद थे। इसमें से 5 मृत्युदण्ड तथा 168 आजीवन कारावास से दण्डित हैं।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार कुल कैदियों में 20 प्रतिशत 249 कैदी पाॅस्को अपराधों तथा 4 प्रतिशत 44 बलात्कार के केसों में बंद हैं जबकि 25 प्रतिशत 306 हत्या, 12 प्रतिशत 154 नशीले पदार्थों, 2 प्रतिशत 31 लूट, 1 प्रतिशत 12 डकैती व 14 अपहरण तथा 35 प्रतिशत 432 अन्य अपराधों में बंद हैं। सजायाफ्ता (सिद्धदोष) 370 कैदियों में 18 प्रतिशत 66 पाॅस्को अपराधों, 1 प्रतिशत 2 लूट, 46 प्रतिशत 169 हत्या, 5 प्रतिशत 19 बलात्कार, 1 प्रतिशत 3 अपहरण, 8 प्रतिशत 30 एनडीपीएस (नशीले पदार्थों सम्बन्धी अपराध) 22 प्रतिशत 81 अन्य अपराधों की सजा काट रहे हैं।
विचाराधीन 872 कैदियों में भी 21 प्रतिशत 183 कैदी पाॅस्को अपराधों के आरोप में, 16 प्रतिशत 137 कैदी हत्या, 3 प्रतिशत 25 बलात्कार, 14 प्रतिशत 124 एनडीपीएस, 1 प्रतिशत 11 अपहरण, 3 प्रतिशत 29 लूट, 1 प्रतिशत 12 डकैती तथा 40 प्रतिशत 351 अन्य अपराधों के आरोपों में बंद हैं।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार 2023 में 14 तथा 2024 में सूचना उपलब्ध कराने तक 10 सजायाफ्ता कैदियों को सजा पूर्व होने से पहले ही सजा माफ करते हुये छोड़ा गया है। नदीम को उपलब्ध सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की सूचना के अनुसार वर्ष 2020 में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 20 कैदियों को 2021 में, 47 को वर्ष 2022 में, 35 को वर्ष 2023 में 34 तथा वर्ष 2024 में सूचना उपलब्ध कराने की तिथि तक 6 कैदियों को 15 दिन से दो महीने की पैरोल पर विभिन्न निजि आधारों पर छोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त कारावास की सजा काट रहे 22 कैदियों को 2020 में कोविड-19 के आधार पर, 2021 में 18 कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया, जिसमें 17 कोविड के आधार तथा 1 पिता की मृत्यु के बाद क्रियाकर्म के आधार पर, वर्ष 2022 में 1, वर्ष 2023 में 1 तथा वर्ष 2024 में 1 कैदी को निजी आधारों पर पैरोल पर रिहा किया गया है।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार जेल में कर्मचारियों के कुल 163 पद स्वीकृत है जबकि केवल 123 पद ही कार्यरत हैं तथा लगभग एक चौथाई 40 पद रिक्त हैं। इसके अतिरिक्त 5 उपनल संविदा कर्मचारियों में 2 सुरक्षा गार्ड 2 वाहन चालक तथा 1 फर्मासिस्ट तथा 1 पीआरडी कार्मिक कार्यरत है। विवरण के अनुसार जेल भवन जनवरी 2008 से प्रयोग किया जा रहा है तथा इसमें बारिश के समय सीलन व रिसाव की स्थिति उत्पन्न होती है।
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