काशीपुर। चेक बाउंस के मामले में सजा के खिलाफ दायर याचिका प्रथम एडीजे कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। आरोपी को अवर न्यायालय ने छह माह के कारावास और 18.10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। मानपुर पट्टी निवासी देशराज ढींगरा ने काशीपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद किया था कि वर्ष 2015 में प्रगति इंकलेब निवासी सगीर अहमद पुत्र शकील अहमद ने एक प्लाट खरीदने के लिए उससे 15 लाख रुपये उधार लिए थे, लेकिन उसने रकम वापस नहीं लौटाई। बाद में उसने 15 लाख रुपये की राशि का एक चेक दिया, जो कि खाते में लगाने पर बाउंस हो गया। परिवाद पर सुनवाई कर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 19 अक्टूबर 2023 को आदेश पारित कर सगीर अहमद को एनआई एक्ट का दोषी पाया। अदालत ने आरोपी को छह माह के कारावास और 18.10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। अवर न्यायालय के इस फैसले को अभियुक्त की ओर से प्रथम एडीजे के न्यायालय में चुनौती दी गई। कहा गया कि उसका चेक कहीं गुम हो गया था। दूसरे पक्ष ने खाली चेक में रकम भरकर उसका दुरुपयोग किया है। अधिवक्ता सूरज कुमार ने इस याचिका का विरोध किया। मामले की सुनवाई कर प्रथम एडीजे रीतेश कुमार श्रीवास्तव ने याचिका को निरस्त करते हुए अवर न्यायालय के सजा के फैसले को बरकरार रखा।
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