गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र काशीपुर द्वारा गदरपुर परिक्षेत्र के ग्राम किरतपुर में एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए गन्ना विभाग के प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी निलेश कुमार ने बताया कि गन्ना किसान अपनी खेती की अच्छी सी तैयारी कर ले। प्रत्येक कृषक को नवीनतम तकनीक के आधार पर गन्ना की कृषि करनी चाहिए। हमें अपनी भूमि की जांच करानी चाहिए। भूमि में 16 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। अतः जांच करने पर हमें पता चलेगा कि हमारी भूमि में कौन से तत्व की कमी है तथा उसकी पूर्ति करने से हमारे जमीन की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। इस गोष्ठी का उद्देश्य गन्ना कृषकों को उन्नत प्रजाति की गन्ना बीज की जानकारी, गन्ने की फसल में लगने वाली तरह-तरह के बीमारियों तथा उसमें प्रयोग की जाने वाली दवाईयां तथा उनको गन्ने की वैज्ञानिक विधि से कृषि कैसे करें जिससे की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़े इसकी जानकारी कृषकों को प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जारी सट्टा नीति में पूर्व में लगने वाली 5 रुपये पेनल्टी जो अतिरिक्त सट्टा पर लगाया जाता था, को समाप्त कर दिया गया है। साथ ही छोटे कृषकों को सुविधा देते हुए सप्लाई का लाभ दिए जाने हेतु पखवारों की संख्या को 6 तक सीमित कर दिया गया है। गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों द्वारा वार्ता कर इस संबंध में जानकारी प्रदान की जाती है। गोष्ठी में प्रतिभाग करते हुए गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिक अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 15023. , 13235, 14201 जैसी उन्नतशील प्रजातियां है जिनको गन्ना कृषकों को प्रोत्साहित करना चाहिए। वर्तमान में 0238 रेड रोड की चपेट में आने की संभावना है। अतः कृषकों को चाहिए कि वह इसका रिप्लेस करें। वैज्ञानिकों ने गन्ने में आने वाली विभिन्न बीमारियों, उसकी रोकथाम तथा उसकी दवाइयों के बारे में भी जानकारी दी। इस गोष्ठी में प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी निलेश कुमार, मन्नालाल, सिद्धार्थ कश्यप तथा गन्ना विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी और क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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