ब्रह्मालीन श्री मति कमला देवी जी के देहावसान के पश्चात खरबंदा परिवार ( हैप्पी मेडिकल ) ने नेत्रदान की सहमति प्रदान कर एक अनुकरणीय मिसाल पेश की। उनकी मृत्यु के बाद भी अब उनकी आंखें दुनिया देखती रहेगीं। उनके नेत्रदान से दो नेत्रहीनों के नेत्र प्रकाशित होंगे और उनके प्रिय जन उनकी स्मृति को अमरत्व प्रदान करेंगे ।
शक्तिनगर निवासी श्रीमति कमला देवी जी स्वयं समाज सेवा व धार्मिक कार्यों में संलग्न रहीं, यह सराहनीय कार्य भी उनके जीवन प्रवृत्ति के अनुरूप है। वह दिनांक 24 दिसंबर की भोर में ब्रह्मलीन हो गईं। उनके देहावसान के तुरंत बाद उनके परिजनों से वसुधैव कुटुम्बकम् काशीपुर ने संपर्क कर श्रीमति कमला देवी जी की आंखे (कॉर्निया) दान करने का अनुरोध किया, जिसे उनके बेटे सुशील खरबन्दा जी ने तुरंत ही सहमती प्रदान कर दी।
वसुधैव कुटुम्बकम के पदाधिकारियो द्वारा तुरंत ही आई बैंक से संपर्क किया। आई/नेत्र विभाग की टीम ने कागजी औपचारिकता पूरी कर ब्राह्मलीन श्री मति कमला देवी जी के शरीर से दान की गई आंखे प्राप्त की।
वसुधैव कुटुम्बकम् परिवार संस्थापक सदस्य अजय अग्रवाल ने बताया कि मातृ पितृ वंदन जैसे संस्कार के कार्यक़म एवम नेत्रदान जैसे सेवा के कार्यक्रमों को औऱ विस्तार दिया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष विकास जैन जी, सचिव प्रियांशु बंसल, कोषाध्यक्ष सौरभ अग्रवाल, संस्थापक सदस्य आशीष गुप्ता, दीपक मित्तल, अनुज सिंघल,अंकुर मित्तल, सीए सचिन अग्रवाल, प्रांशु पैगिया ने कुटुंबकम् परिवार काशीपुर के तत्वाधान में सम्पन्न कराये इस महान कार्य के प्रति परिवार जन सर्वश्री सुशील खरबंदा जी, सुनील खरबंदा जी एवम हैप्पी खरबंदा का विशेष आभार व्यक्त किया एवम क्षेत्र वासियों से मरणोपरांत नेत्रदान कराने का आवाहन किया।
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