June 8, 2025

काशीपुर के मास्टर इंटरनेशनल स्कूल ने अपना पांचवा वार्षिकोत्सव “परम्परागति” थीम के तहत बड़े धूमधाम से मनाया। इस आयोजन का उद्देश्य परंपरा और प्रगति (आधुनिकता) के बीच सामंजस्य स्थापित करना था। परंपरा से तात्पर्य हमारी सांस्कृतिक और पौराणिक जड़ों से जुड़ने का है, जबकि प्रगति भविष्य की ओर आगे बढ़ने का प्रतीक है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशीपुर के नगर आयुक्त श्री विवेक राय जी रहे। विशिष्ट अतिथियों में अंतरराष्ट्रीय एथलीट और उत्तराखंड एथलेटिक्स संघ सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन श्री विजेंद्र चौधरी जी, खंड शिक्षा अधिकारी श्री धीरेंद्र कुमार साहू जी और सृष्टि आहूजा वंसल शामिल थे।


विशिष्ट अतिथियों में संदीप चतुर्वेदी इनकम टैक्स ऑफिसर, राहुल कुमार इनकम टैक्स ऑफिसर, टीडीएस विभाग, जितेंद्र सरस्वती प्रदेश सचिव कांग्रेस उत्तराखण्ड, और सौरभ शर्मा कोषाध्यक्ष, काशीपुर वार काउंसिल, डॉ. यशपाल रावत, प्रबंध निदेशक चामुण्डा हॉस्पिटल, श्री सुशील शर्मा अध्यक्ष मान्यता प्राप्त विद्यालय संघ, श्री जितेंद्र देवलाल प्रबंधक ब्लूमिंग स्कॉलर्स अकादमी, डॉ. संजीव गुप्ता, डॉ. संध्या सिंह, श्री वसंत वल्लभ भट्ट प्रबंधक शिवालिक माउंट अकादमी, श्रीमती उमा वात्सल्य प्रबंधक ओरिसन स्कॉलास्टिका, श्री जी डी मटपाल प्रबंधक तुलाराम – राजाराम स्कूल, श्री दीपक मित्तल प्रबंधक तारावती स्कूल, श्री मनोज कुमार अग्रवाल प्रबंधक सरस्वती शिशु मंदिर, श्री सुरेश सिंह सीआर सी, श्री फय्याज अहमद अंतर्राष्ट्रीय वेटलिफ्टर, श्री ब्रजेश कुमार गुप्ता प्रधानाचार्य उदय राज इंटर कॉलेज, श्री सुखविंदर सिंह प्रबंधक एक ओमकार स्कूल, श्री चेतन अरोरा एकेडमिक डायरेक्टर साईं पब्लिक स्कूल, श्री ललित रोतेला प्रबन्धक पॉइनियर अकादमी भी उपस्थित रहें।

इन सभी ने दीप प्रज्वलित कर इस आयोजन का शुभारंभ किया।
श्री विवेक राय जी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि कक्षा आठ तक सीमित विद्यालय द्वारा इस तरह के मंचीय कार्यक्रम का आयोजन सराहनीय है। उन्होंने कहा, “विद्यालय केवल शिक्षा का मंदिर नहीं है, बल्कि यह बच्चों को संस्कार और परंपराओं से जोड़ने का स्थान भी है।” उन्होंने कहा इस परंपरा का ध्यान रखते हुए सभी परंपराओं को दिखाया है और देश की प्रगति को बताया है। यहां पर अनुशासन से मेरा मन बड़ा मंत्र मुग्ध है कि बच्चे इतने अनुशासन के साथ सारे कार्यक्रम कर रहे हैं और सभी टीचर बहुत अच्छे तरीके से इस कार्यक्रम में संयम बनाए रखे हुए हैं और यहां पेरेंट्स की भीड़ देखकर मुझे लग रहा है कि लोग कितने उत्साहित है। इस कार्यक्रम को देखने के लिए और जो हर्षोल्लाह सुन रहा हूं बाकई में काबिले तारीफ है। साथ ही इस तरह कार्यक्रमों से सभी विद्यालय में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी आपसी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और काशीपुर के क्षेत्र को अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी।


कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक प्रदर्शन मुख्य आकर्षण रहे।महाभारत नृत्य नाटिका-बच्चों ने महाभारत के प्रसंगों को जीवंत कर दिखाया।धारी देवी की महिमा-इस प्रस्तुति में उत्तराखंड के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास को चित्रित किया गया। गुरु की महिमा-नृत्य और संवाद के माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा की महत्वता को दर्शाया गया। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से बच्चों ने स्त्री सम्मान, सांस्कृतिक मूल्यों और परंपरा की अहमियत पर जोर दिया।


विद्यालय ने धारी देवी की कथा के जरिए उत्तराखंड की धार्मिक मान्यताओं पर प्रकाश डाला। कथा में दिखाया गया कि कैसे धारी देवी को उनके स्थान से हटाने पर प्राकृतिक प्रलय आई और लोगों ने देवी को पुनः उनके स्थान पर विराजित कर शांति प्राप्त की। इस प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। गुरु की महिमा में उन्होंने एकलव्य, ध्रुव और आरुणि के चरित्र को भी दर्शाया कि पहले कितने आज्ञाकारी शिष्य हुआ करते थे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. गौरव गर्ग ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि विद्यालय ने शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया है। इस वर्ष विद्यालय ने अपनी वेबसाइट भी लॉन्च की, जो आधुनिकता की दिशा में एक कदम है।

साथ ही बताया है की शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय निरंतर कार्य कर रहा है जिसमें इंटरनेशनल मैथ्स ओलिंपियाड में विद्यालय की दो छात्राएं तथा इंटरनेशनल इंग्लिश ओलिंपियाड में विद्यालय की एक छात्र और एक छात्रा जोनल राउंड के लिए चयनित हुए तथा इसी वर्ष विद्यालय की खो-खो टीम भी राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक जीतकर आई है। तथा विद्यालय ने बच्चों की गणित में रुचि बढ़ाने के लिए मैथ्स के एक्सपर्ट श्री जैन तथा अबाकस ट्रेनर की सेवाएं ली गई और इसी क्रम में विद्यालय में एक मैथ मैजिशियन अवार्ड कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। यह कार्यक्रम पूरे वर्ष भर चलेगा और अंत में विजेता विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे निपुण कार्यक्रम को सार्थक बनाना है।


स्थानीय विद्यालय में आयोजित वार्षिक उत्सव के अवसर पर अतिथि श्री विजेंद्र चौधरी जी ने विद्यालय की थीम “परम्परागति” की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल न केवल विद्यार्थियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य कर रही है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक है। उन्होंने विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि परम्परागत मूल्यों को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ने का यह प्रयास अद्वितीय है।


कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के छात्रों ने पारंपरिक नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। श्री चौधरी जी ने कहा कि विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है और ऐसे प्रयास विद्यार्थियों को समाज के प्रति अधिक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाएंगे।विद्यालय के प्रधानाचार्या ने बताया कि “परम्परागति” थीम के तहत बच्चों को भारतीय संस्कृति, इतिहास और परंपराओं से परिचित कराने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को आधुनिकता के साथ अपनी संस्कृति के प्रति गर्व का भाव पैदा करना है।कार्यक्रम में 1100 से अधिक अभिभावकों ने भाग लिया और बच्चों के प्रदर्शन की सराहना की।मास्टर इंटरनेशनल स्कूल के इस आयोजन ने बच्चों में परंपरा और आधुनिकता के महत्व को समझाने का प्रयास किया। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें अपनी जड़ों से जोड़ने और आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है।


कार्यक्रम की सफलता ने न केवल विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों की मेहनत को उजागर किया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि शिक्षा के साथ संस्कार और संस्कृति को संजोना कितना आवश्यक है।
विद्यालय के कार्यक्रम में साहू जी और सृष्टि आहूजा वंसल ने की सराहना की।साहू जी ने अपने संबोधन में कहा, “मैं इस विद्यालय के कई अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल हो चुका हूँ, जैसे कि खो-खो टूर्नामेंट और विज्ञान कला प्रदर्शनी। विद्यालय हर क्षेत्र में बच्चों का सर्वांगीण विकास कर रहा है। बच्चों के प्रदर्शन और शिक्षकों की मेहनत को देखकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।कार्यक्रम के दौरान विद्यालय द्वारा किए जा रहे शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रयासों की भी सराहना की गई।

विज्ञान कला प्रदर्शनी में बच्चों ने अपने रचनात्मक और वैज्ञानिक विचारों को प्रस्तुत किया, जो दर्शकों के लिए प्रेरणादायक था। वहीं, खो-खो टूर्नामेंट में बच्चों ने अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया, जिससे विद्यालय का खेल के क्षेत्र में भी योगदान सामने आया।श्रीमती सृष्टि आहूजा वंसल ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहा है। यहाँ बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहन दिया जाता है और शिक्षकों का समर्पण सराहनीय है। मुझे यहाँ आकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।विद्यालय के प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हुए कहा, “हमारे विद्यालय का उद्देश्य बच्चों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और खेलकूद के क्षेत्र में सशक्त बनाना है। इस कार्यक्रम में बच्चों ने जो प्रदर्शन किया, वह हमारी मेहनत और उनके समर्पण का परिणाम है। हम इसी प्रकार बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत रहेंगे।कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सभी उपस्थित जनों ने विद्यालय के प्रयासों की प्रशंसा की और इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणा का स्रोत बताया।यह कार्यक्रम विद्यालय और समुदाय के बीच एक मजबूत संबंध का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल बच्चों की प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।विद्यालय के इस प्रयास की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों के आयोजन की अपेक्षा जताई।कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं सम्मानित व्यक्ति मौजूद थे। जिनमे मुख्यतः श्री कवेंद्र डसीला, श्री अनुज भाटिया, श्री प्रदीप सपरा, श्रीमती दीपिका अग्रवाल, श्रीमती प्रीती अरोरा, श्रीमती बबीता पंत, श्री राधे श्याम तिवारी, श्री पी.सी. तिवारी, श्री मनोज मिश्रा, श्री अजहर जावेद, श्री नाजिम, श्रीमती सुरभि अग्रवाल, श्रीमती रंजना गुप्ता, श्री मनोज जिंदल, श्री मती शुभांगी तिवारी।


कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह दिया तथा सभी अभिभावकों को मोस्ट सपोर्टिंग पेरेंट्स का प्रमाण-पत्र दिया। वही विद्यालय के सभी शिक्षक व शिक्षिकों को भी प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह दिया। कार्यक्रम के अंतिम प्रस्तुति में भारत की अखंडता और एकता को दर्शाया गया जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के नृत्य को प्रस्तुत किया गया और अंत में सभी विद्यालय की शिक्षिकाएं शिक्षक प्राचार्य और विद्यालय के प्रबंधिका ने स्टेज पर आकर सभी का स्वागत किया और वंदे मातरम गान के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

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