June 8, 2025

काशीपुरमास्टर इंटरनेशनल स्कूल की प्रबंधिका श्रीमती शिल्पी गर्ग ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएँ दीं और उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महिलाएँ पुरुषों के समान हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। चाहे शिक्षा हो, चिकित्सा हो, सुरक्षा हो या समाज सेवा—महिलाएँ हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।श्रीमती शिल्पी गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाएँ अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वे हर चुनौती का सामना कर रही हैं और सफलता की नई ऊँचाइयों को छू रही हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज महिलाएँ जमीन से लेकर आसमान तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। जहाँ पहले समाज में महिलाओं की भूमिका केवल परिवार तक सीमित मानी जाती थी, वहीं अब वे ऑटो रिक्शा से लेकर ट्रेन तक चला रही हैं।उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि आज की वास्तविकता बन चुकी है। महिलाएँ अब शिक्षा के क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित कर रही हैं, वहीं सुरक्षा के क्षेत्र में भी पीछे नहीं हैं। जिले में पुलिस सेवा में महिला पुलिसकर्मी अपनी कर्तव्यनिष्ठा से पुरुषों के बराबर योगदान दे रही हैं।
देश की सीमाओं की रक्षा करने से लेकर आसमान में उड़ान भरने तक, महिलाएँ हर जगह अपने कौशल और आत्मविश्वास का प्रदर्शन कर रही हैं। भारतीय वायुसेना में महिला पायलट भी अब लड़ाकू विमानों को उड़ा रही हैं, जिससे यह साबित होता है कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।श्रीमती शिल्पी गर्ग ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में 60 प्रतिशत से अधिक जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों पर है। गाँवों में आशा कार्यकर्ता से लेकर जिला चिकित्सालय में डॉक्टर तक, हर स्तर पर महिलाएँ अपनी सेवाएँ दे रही हैं। जिला चिकित्सालय में 40 प्रतिशत से अधिक महिला स्टाफ नर्सें कार्यरत हैं, जो मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएँ प्रदान कर रही हैं।महिलाएँ अस्पतालों में काउंसलर से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) तक की भूमिकाओं में कार्य कर रही हैं। इससे साबित होता है कि महिलाएँ सिर्फ अपने घर-परिवार की देखभाल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज की भलाई में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत रूप से सशक्त बनाना आवश्यक है। महिलाएँ अब अपने जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों के समान अवसर प्राप्त कर रही हैं, जिससे उनमें आत्मसम्मान की भावना बढ़ रही है।महिलाओं को अब अपने जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं लेने का अधिकार प्राप्त हो रहा है। वे न केवल परिवार और समाज में सम्मानित जीवन जी रही हैं, बल्कि अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक हो रही हैं।उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की हिम्मत होनी चाहिए। वे अब केवल घर की जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
महिलाओं की भागीदारी से समाज और देश का समग्र विकास हो रहा है। जब महिलाएँ शिक्षित और आत्मनिर्भर होती हैं, तो वे अपने परिवार और समाज को भी आगे बढ़ाने में मदद करती हैं। उनकी क्षमता और कौशल का पूरा उपयोग किया जाए तो देश की प्रगति कई गुना तेज हो सकती है।आज महिलाएँ केवल पारंपरिक भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, बिजनेस लीडर, पायलट, पुलिसकर्मी, सेना अधिकारी, और राजनीतिज्ञ के रूप में भी समाज में योगदान दे रही हैं।श्रीमती शिल्पी गर्ग ने यह भी बताया कि मास्टर इंटरनेशनल स्कूल में भी महिला कर्मचारियों की संख्या 80% तक है। यह दर्शाता है कि महिलाएँ शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएँ आत्मनिर्भर होती हैं, तो वे समाज और देश की प्रगति में बड़ा योगदान देती हैं। इस अवसर पर उन्होंने सभी महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें और समाज में अपनी पहचान बनाएँ। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस केवल महिलाओं का सम्मान करने का दिन नहीं, बल्कि उनके योगदान को स्वीकार करने और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने का भी अवसर है। श्रीमती शिल्पी गर्ग ने कहा कि महिलाओं का सम्मान और सशक्तिकरण केवल एक दिन की बात नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह समाज की सोच और व्यवहार में स्थायी रूप से शामिल होना चाहिए।
उन्होंने इस अवसर पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हर महिला को अपने सपनों को पूरा करने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। जब महिलाएँ आगे बढ़ेंगी, तो पूरा समाज और देश प्रगति करेगा।

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