




रूद्रपुर मानसूनकाल की पूर्व तैयारियों की जिला सभागार में बैठक लेते हुए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जल भराव व बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड़ पर रहने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होने कहा वर्षाकाल में कोई भी अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय से बाहर नही जायेगें तथा मानसून के दौरान सभी अधिकारी अपना फोन खुला रखेगें व जो अधिकारी व कर्मचारी अपना बन्द रखेगें अथवा फोन नही उठायेगें उनके खिलाफ आपदा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा तहसील, थानों व वन विभाग के पास जो भी आपदा बचाव उपकरण, संसाधन उपलब्ध है उनका परीक्षण अवश्य कर ले ताकि किसी प्रकार की आपदा के दौरान संचालन करने में परेशानी का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी ने सभी निकाय अधिकारियों को क्षेत्र के सभी नाले, नालियों की द्वितीय चरण की पूर्ण सफाई सुनिश्चित करने व सिंचाई विभाग को नदियों की चैनेलाईजेशन व आपदा न्यूनिकरण कार्यो को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये साथ ही कार्य कराने से पूर्व व बाद के वीडियों व फोटोग्राफी भी कराने के निर्देश दिये। उन्होने सड़क महकमों का सैफ्टी ऑडिट भी कराने के निर्देश दिये। उन्होने कहा वर्षाकाल में पेड़ गिरने से सड़कों पर यातायात बाधिक होता है एवं सड़क दुर्घटनाओं की भी सम्भावना बनी रहती है। इसलिए वन विभाग सड़क के किनारें जीर्ण-क्षीर्ण पुराने पेड़ों को चिहिन्त कर उन्हे शीघ्र कटवाने व पेड़ो की लॉपिंग-चौपिंग कराने के निर्देश भी दिये।
जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को जनपद में स्थित 29 बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने तथा उनमे 24ग7 कार्मिकों की तैनाती करने के निर्देश दिये। उन्होने सभी तहसीलों के साथ ही जिला आपदा कार्यालय में कन्ट्रोल रूम सक्रिय करने के निर्देश दिये। उन्होेने कहा जनपद मुख्यालय में आपदा कन्ट्रोल रूम सम्पादित है जिसका नम्बर 05944-250719, 250250, 250222 व टोल फ्री नम्बर 1077 है। आपदा सम्बन्धित सूचनाएं इन फोन नम्बर में दी जा सकती है।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक चिकित्सालयों में जल जनित बीमारियों की पर्याप्त दवाऐं, ऐंटी वेनम रखने के साथ ही मय चिकित्सकों के एम्बुलेंस तैयार रखने के निर्देश दिये। इसी तरह पूर्ति विभाग से पर्याप्त खाद्द्यान, गैस, वाहनों हेतु ईधन पर्याप्त मात्रा मंे रखने तथा वर्षाकाल में सुचारू विद्युत, पेयजल रखने के लिए सभी व्यवस्थाए सुनिश्चित रखने तथा पेयजल पाईप लाइन, विद्युत पोल, तार, ट्रॉसफार्मर आदि भण्डारण करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों, अधिशासी अधिकारियो, खण्ड विकास अधिकारियों को बाढ़, जल भराव की दृष्टि से चिन्हित संवेदनशील, अतिसंवेदनशील क्षेत्रों, गांवों में पैनी नजर रखने व वहा आश्रय स्थल चिन्हित करने तथा आश्रय स्थलों में विद्युत, पानी, शौचालय आदि व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होने मुख्य शिक्षा अधिकारी को जर्जर, जीर्ण-क्षीर्ण विद्यालय भवनों का चिन्हिकरण करते हुए उन्हे ध्वस्तिकरण कराने तथा जीर्ण-क्षीर्ण विद्यालय भवनों में पठन-पाठन कतई न कराने के निर्देश दिये। उन्होने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसएसबी बटालियनों को भी अलर्ट मोड़ में रहने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, पंकज उपाध्याय, नगर आयुक्त नरेश चन्द्र दुर्गापाल, संयुक्त मजिस्टेªट आशिमा गोयल, एएसपी आरडी मठपाल, डिप्टी कमांडेट एसएसबी दीपक तोमर, तपस कुमार, उप जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्र, ओसी गौरव पाण्डेय, इंसपेक्टर एसडीआरएफ अर्जुन सिंह, एनटीआरएफ सुधांशु जोशी, मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत, एसीएमओ डॉ0 एसपी सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई आनंद नेगी, बीएस डांगी, लोनिवि एसके अग्रवाल, लघु सिंचाई सुशील कुमार, पीडी एनएचएआई विकास मित्तल, मुख्य अग्निशमन अधिकारी ईशान कटारिया आदि मौजूद थे व सभी उप जिलाधिकारी तथा ईओ वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।
जिला सूचना अधिकारी, उधमसिंह नगर।
जुगनू खान
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